Sunday, August 5, 2018

महाराष्ट्र के अमरावती में कुपोषण से 46 बच्चों की मौत

कुपोषण के मामले में अमरावती के मेलघाट की हालत सबसे खराब है. यहां शिशु मृत्यू दर भी सबसे ज्यादा है. अप्रैल से जुलाई के दौरान मेलघाट में कुपोषण से मरने वाले बच्चों की संख्या 46 हो गई है.

महाराष्ट्र के अमरावती में कुपोषण से 46 बच्चों की मौत
कुपोषण के मामले में महाराष्ट्र में 90 के दशक में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं.
एएनआई
Updated: August 5, 2018, 1:37 PM IST
महाराष्ट्र के अमरावती जिले स्थित मेलघाट में पिछले चार महीनों के दौरान कम से कम 46 बच्चों की कुपोषण की वजह से मौत हो गई. कुपोषण से बच्चों की मौत के आंकड़े अप्रैल से जुलाई के बीच के हैं.

यहां अमरावती के आदिवासी बहुल कई गांवों में बाल कुपोषण एक बड़ी समस्या है, जहां बच्चे जन्म के वक्त से ही कुपोषण के शिकार होते हैं और 6 साल की उम्र तक उनमें से कई मौत के मुंह में समा जाते हैं.

एक ऐसा गांव, जहां 6 हजार से ज्यादा बच्चों ने कुपोषण से दम तोड़ दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सितंबर 2016 में इस बात पर चिंता जताई थी कि महाराष्ट्र में एक साल के अंदर 17000 बच्चों की कुपोषण की वजह से मौत हो गई. इसके बाद मार्च 2017 में महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री दीपक सावंत ने खुलासा किया कि अप्रैल 2016 से अगस्त 2016 के बीच 6148 बच्चों ने कुपोषण की वजह से दम तोड़ दिया.


महाराष्ट्र में 90 के दशक में कुपोषण के कारण मौत के सबसे ज्यादा मामले आए थे. 1992-97 के बीच यहां 5000 बच्चों ने कुपोषण से दम तोड़ दिया. इतनी बड़ी तादाद में बच्चों की मौत ने सभी को झकझोर दिया. जहां राज्य सरकार और कोर्ट ने इस मामले पर रिपोर्ट मांगी. वहीं, कुछ अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने कुपोषण से लड़ने के लिए मदद भी की, लेकिन अभी भी कुपोषण से बच्चों की मौतों का सिलसिला नहीं थम रहा.

मेलघाट में महात्मा गांधी आदिवासी अस्पताल के प्रेसिडेंट डॉ. आशीष सतव बताते हैं, 'कुपोषण से बच्चों को बचाने के लिए नई ट्राइबल हेल्थ पॉलिसी की जरूरत है. इसके लिए पुरानी ट्राइबल पॉलिसी में बदलाव के लिए कई जनहित याचिकाएं भी दायर की गई हैं. फिलहाल राज्य सरकार ने इसपर कोई फैसला नहीं लिया है.'

'खोज' नाम की एक गैर-सरकारी संस्था का भी मानना है कि राज्य सरकार मेलघाट में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर उदासीन है. हालांकि, मीडिया में आने के लिए तो कई नेताओं और टॉप ब्यूरोक्रेट्स ने मेलघाट का दौरा किया, लेकिन यहां कुपोषण का कोई 'इलाज' नहीं निकाला गया.
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पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में होगी हर महीने आमदनी, जानें इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब

पोस्ट ऑफिस की मंथली इन्वेस्टमेंट स्कीम यानी पीओएमआईएस में निवेश कर सकते हैं. यह एक ऐसी सरकारी योजना है, जिसमें एक बार पैसा निवेश करने पर हर महीने तय आय होती रहती है.

पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में होगी हर महीने आमदनी, जानें इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब
पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में होती हर महीने आमदनी, जानिए इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब
News18Hindi
Updated: August 5, 2018, 9:17 AM IST
सुरक्षित निवेश के साथ-साथ एक अच्छी आमदनी के लिए पोस्ट ऑफिस की एक स्कीम आपके लिए बहुत फायदेमंद है. ये स्कीम में आपकी जमा पूंजी को सुरक्षित रखती है. साथ ही, उस पर आप हर महीने अच्छी आमदनी भी कराती है. यह स्कीम उन सभी के लिए बेहतर है जो या तो अपनी जमा पर अतिरिक्त इनकम करना चाहते हैं या ऐसे लोग जिनके पास कमाई का कोई रेग्युलर साधन नहीं है. यानी ये स्कीम ऐसे दोनों वर्ग के लिए काम की है. यह न केवल आपको हर महीने इनकम कराएगी, बल्कि आपका पूरी जमा पूंजी भी सेफ बनी रहेगी. यह स्कीम आपकी पूरी लाइफ साथ दे सकती है. आइए जानें इसके बारे में...



क्या है ये स्कीम- पोस्ट ऑफिस की  मंथली इन्वेस्टमेंट स्कीम  यानी पीओएमआईएस में निवेश कर सकते हैं. यह एक ऐसी सरकारी योजना है जिसमें एक बार पैसा निवेश करने पर हर महीने तय आय होती रहती है. एक्सपर्ट्स इस योजना को निवेश के सबसे अच्छे विकल्पों में से एक मानते हैं, क्योंकि इसमें 4 बड़े फायदे हैं. कोई भी खोल सकता है और आपकी जमा पूंजी हमेशा बरकरार रहती है. बैंक एफडी या डेट इंस्ट्रूमेंट की तुलना में आपको बेहतर रिटर्न मिलता है. इससे आपको हर महीने एक निश्चित आय होती रहती है और फिर स्कीम पूरी होने पर आपकी पूरी जमा पूंजी मिल जाती है, जिसे आप दोबारा इस योजना में निवेश कर मंथली आय का साधन बनाए रख सकते हैं.


कौन खोल सकता है खाता- आप अपने बच्चे के नाम से भी अकाउंट खोल सकते हैं. अगर बच्चा 10 साल से कम उम्र का है तो उसके नाम पर उसके माता-पिता या लीगल गार्जियन की ओर से अकाउंट खोला जा सकता है. बच्चे की उम्र 10 साल होने पर वह खुद भी अकाउंट के संचालन का अधिकार पा सकता है. वहीं, एडल्ट होने पर उसे खुद जिम्मेदारी मिल जाती है.

कितना लगाना होगा पैसा- मंथली इन्वेस्टमेंट स्कीम अकाउंट कोई भी खोल सकता है. अगर आप का अकाउंट सिंगल है तो आप इसमें 4.5 लाख रुपए तक अधिकतम जमा कर सकते हैं. इसमें कम से कम 1500 रुपए की राशि जमा की जा सकती है. वहीं अगर आपका अकाउंट ज्वॉइंट है तो इसमें अधिकतम 9 लाख रुपए जमा किए जा सकते हैं.एक शख्‍स एक से ज्यादा लेकिन पोस्ट ऑफिस द्वारा तय लिमिट के अनुसार अकाउंट खोल सकता है.
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काबुल में एक भारतीय समेत 3 विदेशियों को आतंकियों ने अगवा कर मारा

स्थानीय मीडिया के अनुसार, ये तीनों एक ही फूड कंपनी के लिए काम करते थे. पुलिस के मुताबिक तीनों के शव बरामद कर लिए गए हैं.
अफगानिस्तान में सुरक्षाकर्मी (फाइल फोटो) अफगानिस्तान में सुरक्षाकर्मी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली, 02 अगस्त 2018, अपडेटेड 15:28 IST

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में आतंकियों ने एक भारतीय नागरिक समेत तीन विदेशियों को मार दिया है. ये तीनों काबुल में एक इंटरनेशनल कंपनी में काम करते थे. गुरुवार को काबुल पुलिस चीफ ने इस बात की पुष्टि की.
तीन युवकों में एक भारतीय (39) के अलावा एक मलेशियाई नागरिक (64) और अन्य मेक्डोनियन (37) देश का नागरिक था. बताया जा रहा है कि आतंकियों ने पहले इन तीनों को अगवा किया, जिसके बाद उनकी हत्या कर दी. तीनों एक लोकल ड्राइवर के साथ किसी काम से जा रहे थे. तीनों की लाश गाड़ी के अंदर मिली थी.
स्थानीय मीडिया टोलो न्यूज़ के मुताबिक, तीनों को काबुल के मुसाही जिले से अगवा किया गया था. उन्हें पुल-ए-चरखी PD9 से अगवा किया गया था. तीनों के शव के पास ही उनके पहचान पत्र मिले थे, जिनसे इनकी पहचान की गई.
अफगानिस्तान में पिछले कुछ समय से अगवा करने की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. लेकिन हाल ही में स्थानीय नागरिकों के अलावा विदेशियों को भी निशाना बनाया जा रहा है.
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महाराष्ट्र: पेड़ से लटके मिले प्रेमी जोड़े के शव, दोनों थे शादीशुदा

महाराष्ट्र के भिवंडी में पुलिस ने दो शवों को बरामद किया है. शव प्रेमी जोड़े का है. दोनों का शव पेड़ से लटकते हुए मिला. पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है.
सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
मुंबई, 04 अगस्त 2018, अपडेटेड 09:40 IST

महाराष्ट्र के भिवंडी में पुलिस ने पेड़ से लटकते हुए प्रेमी जोड़े के शव को बरामद किया है. दोनों पहले से विवाहित थे और एक दूसरे से प्यार करते थे. उनका जल्द ही शादी करने का प्लान था. पुलिस के मुताबिक युवक मजदूरी करता था, जबकि प्रेमिका की पहचान अंकिता नाम की युवती के रूप में हुई है.
हत्या और आत्महत्या के बीच लटकती इस घटना के बीच पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. भिवंडी तालुका के लाप बुद्रुक गांव के लोगों ने शुक्रवार की सुबह तानसा पाइप लाइन के किनारे एक पेड़ से लटकती हुई दो लाशें देखी. इसकी जानकारी लोगों ने पुलिस को दी.
पुलिस ने दोनों लोगों की लाश पेड़ से नीचे उतारने के बाद जब उनके बारे में जांच पड़ताल की तो पता चला कि मृतक सागर वाघे (24) कुशीवली का और युवती अंकिता (20) शेडगांव की रहने वाली है. पुलिस के अनुसार सागर और अंकिता दोनों विवाहित थे.
सागर वाघे का जहां 6 महीने का एक लड़का भी है, वहीं अंकिता की शादी शाहपुर तालुका के ठुने गांव में हुई थी. लेकिन वह पिछले चार वर्षों से अपने पिता के साथ शेडगांव में रहती थी. दोनों एक ही जगह काम करते थे. इस दौरान दोनों के बीच प्रेम संबंध हो गया.
सागर पिछले कई दिनों से अंकिता के साथ पिलंजे स्थित अपने चाचा के यहां रहता था. सागर के परिवारवालों ने अंकिता से शादी करने की अनुमति भी दे दी थी. दो अगस्त को सागर और अंकिता कुशीवली जाने के लिए घर से निकले थे. लेकिन दोनों घर नहीं पहुंचे.
तीन अगस्त यानी शुक्रवार की सुबह पुलिस ने उनके शव को पेड़ से लटकते हुए बरामद किया. पुलिस आत्महत्या का मामला दर्ज करके इस दृष्टकोण से भी जांच कर रही है कि कहीं दोनों की हत्या करके उनके शव को पेड़ से तो नहीं लटका दिया गया. इसका खुलासा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आने के बाद होगा.
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दिल्ली में सरेआम दो लोगों को गोली मार कर 40 लाख की लूट

दिल्ली में सरेराह लुटेरों ने कार सवार दो लोगों को गोली मारकर 40 लाख की लूट की वारदात को अंजाम दे दिया. बदमाश लूटी गई कार को कुछ दूर छोड़कर फरार हो गए.
दिल्ली में इसी जगह लूट की वारदात को अंजाम दिया गया. दिल्ली में इसी जगह लूट की वारदात को अंजाम दिया गया.

नई दिल्ली, 31 जुलाई 2018, अपडेटेड 03:59 IST

राजधानी दिल्ली में बदमाशों ने सरेआम दो लोगों को गोली मारकर 40 लाख रुपए लूट लिए. वारदात उत्तर पश्चिमी दिल्ली के केशव पुराम इलाके की है.
पुलिस के मुताबिक सोमवार दोपहर एक मेडिकल कंपनी के दो कर्मचारी जो कलेक्शन का काम करते हैं, हॉस्पिटल से कैश लेकर दूसरी जगह जा रहे थे. उसी दौरान वजीरपुर डिपो के पास के फ्लाईओवर पर इन कर्मचारियों की आई टेन कार को एक दूसरी कार ने ओवरटेक  करके बीच सड़क पर रोक दिया, और बंदूक की नोक पर इस कार में रुपयों से भरा बैग को तलाशऩा शुरू किया. जब  बैग नहीं मिला तो लुटेरों ने दोनों कर्मचारियों को गोली मार दी और उनकी आई टेन कार लेकर फरार हो गए.
लुटेरों ने आगे जाकर कार को छोड़ दिया और उसके अंदर से रुपयों से भरा कैश लेकर फरार हो गए.  बदमाशों ने तेजपाल और राजकुमार नाम के दोनों कर्मचारियों को एक-एक गोली मारी है. राजकुमार के पेट में गोली लगी है, जिसका ऑपरेशन किया गया है. तेजपाल के कंधे में गर्दन के पास गोली फंसी हुई है. दोनों को मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
इस फ्लाईओवर के आसपास कोई CCTV कैमरा भी नहीं लगा है, जिसकी वजह से पुलिस को बदमाशों का अब तक कोई सुराग नहीं मिल सका है.
मौके पर पहुंची केशव पुरम पुलिस मामले की जांच में जुट गई. लेकिन जिस तरह से इस लूट को बीच सड़क पर अंजाम दिया गया उससे साफ जाहिर है कि बदमाशों में पुलिस का जरा भी खौफ नहीं है. पुलिस का कहना है कि उन्हें अंदेशा है कि बदमाशों के पास कैश की जानकारी थी. यही वजह है कि बैग ना मिलने पर भी वो कार साथ लूट के ले गए, और बैग मिलने के बाद कार छोड़ गए.
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दिल्ली : सिरफिरे आशिक ने लड़की को घर में घुसकर मारी गोली, हालत गंभीर

दिल्ली के भारत नगर इलाके में एक  सिरफिरे आशिक ने चार्टर्ड एकाउंटेंट लड़की को गोली मार  दिया है. घायल लड़की की हालत गंभीर है.
सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
नई दिल्ली, 05 अगस्त 2018, अपडेटेड 04:39 IST

दिल्ली के भारत नगर इलाके में एक सिरफिरे आशिक ने शनिवार को लड़की के घर में घुस कर गोली मार दी. लड़की का नाम अंशुल है और वह चार्टर्ड एकाउंटेंट है. वहीं गोली मारने वाले शख्स का नाम हरीश बताया जा रहा है.
सूत्रों के मुताबिक शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी हरीश लड़की को पहले से ही जानता था. हरीश और अंशुल दोनों करीब 5 साल तक रिलेशनशिप में रह चुके हैं. लेकिन  हाल ही अंशुल की सगाई किसी दूसरे के साथ हो गई है.
सगाई के बाद अंशुल ने हरीश से ब्रेक अप कर लिया. लेकिन हरीश इससे खफा था. वह बार-बार अंशुल को धमकियां दे रहा था. इसके बाद शनिवार रात को आरोपी अंशुल के घर पहुंच गया और उसे देखते ही गोली मार दी. लड़की की हालत गंभीर है और वह शालिमार बाग के फोर्टिज अस्पताल के आईसीयू में एडमिट है. इन सबके बीच पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. बता दें कि 25 साल की अंशुल पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट है.
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मुजफ्फरपुर कांड पर सियासी संग्राम, आज दिल्ली में तेजस्वी यादव का प्रदर्शन

60 वर्षीय चंद्रशेखर वर्मा ने कभी चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन राजनीति से उनका पुराना रिश्ता रहा है. वह कई पार्टियों से जुड़े रहे हैं. अब जनता दल यू (जेडीयू) ने इन्हें राज्य परिषद का सदस्य बनाया है.
दिल्ली में जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन दिल्ली में जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन
नई दिल्ली, 04 अगस्त 2018, अपडेटेड 11:12 IST

बिहार के मुजफ्फरपुर में बच्चियों के साथ हुई बेशर्म करतूत पर अब सियासी रण छिड़ा हुआ है. यहां तक कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विरोध अब दिल्ली तक पहुंच गया है. राष्ट्रीय जनता दल के विधायक तेजस्वी यादव आज राजधानी में जंतर-मंतर पर नीतीश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. उनके इस विरोध में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत दूसरे विपक्षी दलों के नेता भी शिरकत कर सकते हैं.
देश को हिला देने वाले इस यौन शोषण कांड पर शुक्रवार को पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुप्पी तोड़ी और इसे शर्म का विषय बताया. नीतीश कुमार ने इस घटना पर अफसोस जाहिर करते हुए ये भी कहा कि जो पापी हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. लेकिन विपक्ष आरजेडी नीतीश कुमार के इतने आश्वासन से संतुष्ट नहीं है. तेजस्वी इस कांड के बहाने नीतीश सरकार को घेरने की कोशिश में हैं.
मुजफ्फरपुर के बालिकागृह से निकली शर्म की कथाएं पूरे बिहार के माथे पर बदनुमा दाग बनकर सामने आई हैं और इस साजिश को रचने का आरोप ब्रजेश ठाकुर पर है. ब्रजेश सेवा संकल्प एवं विकास समिति NGO का संस्थापक है, जो यह बालिकागृह चलाती थी.  
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीआईएसएस), मुम्बई द्वारा अप्रैल में राज्य के समाज कल्याण विभाग को सौंपी गई एक ऑडिट रिपोर्ट में यह मामला सबसे पहले सामने आया था. जिसके बाद बालिका गृह में रहने वाली 42 में से 34 लड़कियों के मेडिकल टेस्ट में यौन उत्पीड़न की पुष्टि हुई.
इस मामले में 31 मई को 11 लोगों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी. ठाकुर समेत 10 लोगों को तीन जून को गिरफ्तार किया गया था. एक व्यक्ति फरार है.
इस केस में बिहार समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति का नाम भी आ रहा है, जिस पर विवाद बना हुआ है. दरअसल, इस मामले में गिरफ्तार जिला बाल संरक्षण अधिकारी रवि रोशन की पत्नी ने यह आरोप लगाया है कि मंत्री के पति चंद्रशेखर वर्मा अक्सर बालिका गृह में जाया करते थे. वहीं, पीड़ित लड़कियों ने अपने बयान में बताया है कि वहां कोई बड़े पेट वाले नेता जी आते थे. इसी आधार पर विपक्ष मंजू वर्मा के इस्तीफे की मांग कर रहा है. हालांकि, वह अपने पति को निर्दोष करार दे रही हैं.
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मुजफ्फरपुर कांड: तेजस्वी यादव के मंच से राहुल गांधी को भी सुना गए केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल जंतर-मतर पर मुजफ्फरपुर कांड के विरोध में हुए विरोध प्रदर्शन में पहुंचे. यहां उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के शासनकाल का भी हवाला दिया.
जंतर मंतर पर लोगों को संबोधित करते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जंतर मंतर पर लोगों को संबोधित करते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली, 04 अगस्त 2018, अपडेटेड 05 अगस्त 2018 07:33 IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मुजफ्फरपुर कांड के दोषियों को तीन महीने के अंदर फांसी देने और उनको बचाने वाले बड़े-बड़े नेताओं को सजा देने की मांग की है. आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव शनिवार को मुजफ्फरपुर के बालिका गृह यौन शोषण कांड के खिलाफ प्रदर्शन करने और कैंडल मार्च निकालने जंतर-मंतर पर पहुंचे थे. तेजस्वी के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी पहुंचे.
इस दौरान तेजस्वी के मंच से केजरीवाल ने जहां एक ओर नीतीश सरकार और बीजेपी पर जमकर हमला बोला, तो दूसरी ओर कांग्रेस को भी लपेटा. उन्होंने कहा कि यही जंतर-मंतर है. एक निर्भया के साथ गलत काम हुआ था तो यहां पर प्रदर्शन हुआ था और यूपीए का सिंहासन हिल गया था. लेकिन मुजफ्फरपुर में तो 40 निर्भयाओं के साथ बलात्कार हुआ है. बीजेपी और जेडीयू को चेताते हुए केजरीवाल ने कहा कि अगर सत्ता में बैठे लोग होश में नहीं आए, तो जनता उन्हें 40 बार सत्ता से उखाड़ फेंकेगी.
हालांकि जब जंतर-मंतर पर तेजस्वी यादव के मंच से केजरीवाल बोल रहे थे, तब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी वहां मौजूद नहीं थे. केजरीवाल भाषण देने के बाद वहां से फौरन चले गए और कैंडल मार्च में शामिल नहीं हुए. हाल ही में राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल कर्नाटक में जेडी(एस) के सीएम एचडी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह के मौके पर एक ही मंच पर थे.
आपको बताते चलें कि कांग्रेस जहां विपक्षी दलों को लेकर केंद्र और दूसरे राज्यों में महागठबंधन को शक्ल देने की कोशिश कर रही है, वहां कांग्रेस की दिल्ली इकाई राज्य में आम आदमी पार्टी से गठजोड़ के पक्ष में नहीं है. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन अक्सर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जुबानी हमले करते रहते हैं, लेकिन राहुल अक्सर इन मामलों पर बोलने से बचते हैं. दूसरी ओर, केजरीवाल कांग्रेस और बीजेपी दोनों पर हमले कर राजनीति में आए थे, लेकिन अब वह भी केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी पर ही हमलावर दिखते हैं. हालांकि, उन्होंने शनिवार को मुजफ्फरपुर कांड पर बीजेपी पर हमला करने के बहाने यूपीए के शासनकाल और उसके सत्ता गंवाने का भी जिक्र कर दिया.
इसके बाद राहुल गांधी जंतर मंतर पहुंचे और तेजस्वी के मंच से मुजफ्फरपुर कांड की कड़ी निंदा की. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हम मुजफ्फपुर कांड की पीड़ित सिर्फ 40 बच्चियों के लिए ही नहीं, बल्कि हिंदुस्तान की हर महिला और बच्ची के लिए यहां आए हैं. हम यहां बताने आए हैं कि हम देश की सभी बच्चियों और महिलाओं के साथ खड़े हैं. आज देश में अजीब सा माहौल बन गया है. कमजोर लोगों, महिलाओं, मजदूरों, दलितों और अल्पसंख्यकों पर खुलेआम हमले हो रहे हैं. इन्हें धमकाया जा रहा है. इन्हें कुचला जा रहा है.
राहुल गांधी ने कहा कि अगर मुजफ्फपुर कांड पर सीएम नीतीश कुमार को शर्म आ रही है, तो उनको जल्द से जल्द मामले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. इस दौरान राहुल गांधी ने आरएसएस और बीजेपी पर सीधा वार किया.
उन्होंने कहा कि एक तरफ आरएसएस व बीजेपी की सोच और दूसरी तरफ पूरे हिंदुस्तान की सोच है. पूरा देश आरएसएस और बीजेपी की सोच के खिलाफ खड़ा है.  हिंदुस्तान कह रहा है कि जो पिछले चार सालों में हुआ, वो अच्छा नहीं लगा. राहुल गांधी मुजफ्फरपुर कांड के खिलाफ निकाले गए कैंडल मार्च में भी शामिल रहे.
बता दें कि मुजफ्फरपुर में बालिका गृह यौन शोषण कांड मामले को लेकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया और कैंडल मार्च निकाला.
इस दौरान तेजस्वी के समर्थन में उनकी बहन मीसा भारती, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, जेडीयू से अलग हुए शरद यादव, सीपीआई नेता डी राजा, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह समेत अन्य नेता और छात्र नेता भी जंतर-मंतर पहुंचे.
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दिल्ली: पूर्ण राज्य पर ढीला पड़ा केजरीवाल का कैंपेन, तारीख बढ़ाई

दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए आम आदमी पार्टी सिग्नेचर कैंपेन चला रही है. इसके लिए पीएम मोदी को 10 लाख चिट्ठियों पर हस्ताक्षर भेजे जाने थे, लेकिन पार्टी इस टारगेट तक नहीं पहुंच पाई है.
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली, 05 अगस्त 2018, अपडेटेड 11:49 IST

आम आदमी पार्टी की तरफ से 2019 लोकसभा चुनाव से पहले पूर्ण राज्य के दर्जे के मुद्दे को लेकर चलाए गए कैंपेन की समय सीमा बढ़ा दी गई है. दिल्ली की 70 विधानसभाओं में 'आप' का कैंपेन 25 जुलाई को ख़त्म हो गया था. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी को भेजी जाने वाली 10 लाख चिट्ठियों पर हस्ताक्षर होने थे, लेकिन सूत्रों की मानें तो पार्टी इस टारगेट तक पहुंच नहीं पाई.  
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज का कहना है कि पूर्ण राज्य के दर्जे को लेकर हस्ताक्षर अभियान अब भी जारी है. भारद्वाज के मुताबिक संगठन अलग-अलग जगहों पर बैठक कर रही है और सिग्नेचर कैंपेन को भी री-डिजाइन किया गया है. पार्टी का कहना है कि जल्द ही दिल्ली के संयोजक गोपाल राय मीडिया के सामने कैंपेन से जुड़ी जानकारी सामने रखेंगे.
आम आदमी पार्टी ने जुलाई के पहले हफ्ते में पूर्ण राज्य के दर्जे के कैंपेन के तहत प्रधानमंत्री को भेजी जाने वाली चिट्ठियों पर सिग्नेचर कैंपेन चलाया था.  जबकि 'आप' द्वारा शुरू किये गए 'दिल्ली मांगे अपना हक' का पहला चरण 25 जुलाई को खत्म हो चुका है.
हालांकि, सवाल यह भी उठता है कि अबतक की मुहिम में आम आदमी पार्टी को जनता का कितना साथ मिला है. पिछली बार 12 जुलाई को पार्टी की तरफ से जारी किए आंकड़ों के मुताबिक सिग्नेचर कैंपेन के तहत सिर्फ डेढ़ लाख से ज्यादा हस्ताक्षर ही जुट पाए थे. 25 जुलाई को सिग्नेचर कैंपेन खत्म हो चुका है, ऐसे में साफ़ है कि पार्टी तय डेडलाइन के भीतर प्रधानमंत्री को भेजे जाने वाली 10 लाख चिट्ठियों पर जनता के 10 लाख सिग्नेचर नहीं जुटा पाई है.
हैरानी की बात यह कि जून में आम आदमी पार्टी सरकार ने पूर्ण राज्य के दर्जे को लेकर 3 दिनों का सत्र बुलाया था जिसे एक दिन के लिए बढ़ा दिया था.  इस दौरान सदन में पूर्ण राज्य को लेकर प्रस्ताव पारित करने के बावजूद आम आदमी पार्टी अपने ही कैंपेन पर धीमी पड़ती नज़र आ रही है. अब सोमवार से दिल्ली विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है, लेकिन पूर्ण राज्य की मांग को लेकर सत्र में कोई एजेंडा शामिल होता नज़र नहीं आ रहा है.
12 जुलाई को AAP द्वारा मुहैया कराए गए आंकड़ों के मुताबिक
1. नार्थ ईस्ट दिल्ली लोकसभा में 28 हजार 328 सिग्नेचर हुए.
2. पूर्वी दिल्ली लोकसभा में 17 हजार 807 सिग्नेचर हुए.
3. वेस्ट दिल्ली लोकसभा में 13 हजार 365 सिग्नेचर हुए.
4. साउथ दिल्ली लोकसभा में 21 हजार 599 सिग्नेचर हुए.
5. नॉर्थ वेस्ट दिल्ली लोकसभा में 29 हजार 137 सिग्नेचर हुए.
6. नई दिल्ली लोकसभा में 19 हजार 665 सिग्नेचर हुए.
7. चांदनी चौक लोकसभा में 22 हजार 994 सिग्नेचर हुए.
इस बीच सिग्नेचर कैंपेन की डेडलाइन बढ़ाने के पीछे आम आदमी पार्टी ने दिलचस्प वजह बताई है. सौरभ भारद्वाज ने बताया कि बरसात की वजह से कई जगहों पर काम नहीं हुआ है. इस वजह से उस कैंपेन को आगे बढ़ाया गया है. हालांकि यहां सवाल उठता है कि 70 विधानसभाओं में वो कौनसी विधानसभा है जहां सिग्नेचर कैंपेन सबसे ढीला रहा? मीडिया में सबसे सक्रिय रहने वाली 'आप' ने सिग्नेचर कैंपेन के आंकड़े सामने क्यों नहीं रखे?
आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल भी सोशल मीडिया से लेकर जनसभाओं में पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग करते नज़र आए हैं. 'आप' नेताओं ने पूर्ण राज्य को ज़रूरी बताते हुए कहा कि एनडीएमसी एरिया और लुटियन दिल्ली के अलावा बाकी दिल्ली में पुलिस की जवाबदेही जनता और चुनी हुई सरकार के लिए होनी चाहिए.
'आप' नेताओं का यह भी कहना है कि पूर्ण राज्य का मकसद दिल्ली के हर एक व्यक्ति को अहसास दिलाना है कि उनके वोट की कीमत देश के बाकी राज्यों के लोगों के वोट की कीमत के बराबर होनी चाहिए जो फ़िलहाल नहीं है. हालांकि आगे देखना होगा कि आम आदमी पार्टी पूर्ण राज्य के दर्जे वाले कैंपेन में कितना कामयाब हो पाती है. 
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13000 करो़ड़ का फ्रॉड, लेकिन 15 दिन में पुलिस से क्लीन चिट ले बैठा मेहुल चोकसी

इसे व्यवस्था की खामी कहा जाए या किसी का दबाव कि 13000 करोड़ के पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी को किस आधार पर मुंबई पुलिस की तरफ से बेदाग रिपोर्ट दी गई. जिसकी वजह से चोकसी एंटीगुआ की नागरिकता हासिल कर बैठा.
भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी, फाइल फोटो: ट्वीटर भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी, फाइल फोटो: ट्वीटर
नई दिल्ली, 05 अगस्त 2018, अपडेटेड 12:04 IST

पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का आरोपी और भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को लेकर भारत की तरफ से एंटीगुआ सरकार को औपचारिक निवेदन किया गया है. वहीं एंटीगुआ प्रशासन का चौंकाने वाला दावा है कि चोकसी को एंटीगुआ की नागरिकता भारत की तरफ से मिली बेदाग रिपोर्ट के आधार पर दी गई. मुंबई पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक मालाबार हिल्स पुलिस स्टेशन ने चोकसी को लेकर क्लीन चिट (बेदाग रिपोर्ट) दी है.
बता दें कि 13,000 करोड़ के पीएनबी घोटाले में सीबीआई द्वारा मेहुल चोकसी और नीरव मोदी पर मामला दर्ज होने से कुछ दिन पहले ही चोकसी भारत छोड़ कर दुबई चला गया था. चोकसी ने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में पुलिस सत्यापन के लिए 23 फरवरी 2017 को आवेदन दिया था. जिसके बाबत 15 दिनों के भीतर ही 10 मार्च 2017 को मालाबार हिल्स पुलिस स्टेशन की तरफ से बेदाग रिपोर्ट दे दी गई. माना जा रहा है कि इसी रिपोर्ट के आधार पर मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता हासिल की.
यह चौंकाने वाली बात है कि मेहुल चोकसी जिसके ऊपर 2017 में कई मामले दर्ज थे, उसे बेदाग रिपोर्ट किस आधार पर दी गई और मुंबई पुलिस ने रिपोर्ट देने से पहले इन मामलों को नजरअंदाज कर दिया. हालांकि मौजूदा व्यवस्था का भी इसमें उतना ही दोष है. पुलिस के मुताबिक चोकसी को बेदाग रिपोर्ट इसलिए दी गई क्योंकि उसके खिलाफ कोई आपराधिक पृष्ठभूमि या गिरफ्तारी के प्रमाण नहीं मिले थे. बता दें कि इस तरह की क्लियरेंस मुंबई पुलिस की ऑनलाइन आपराधिक पृष्ठभूमि और सूचना प्रणाली (सीएआईएस) द्वारा जांच करने के बाद दी जाती है. यदि कोई व्यक्ति पूर्व में गिरफ्तार हुआ है तो वह सीएआईएस में आ जाता है.
14 मार्च, को मुंबई पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, मुंबई को यह रिपोर्ट सौंपी. एंटीगुआ का दावा है कि चोकसी ने मई 2017 में नागरिकता के लिए आवेदन किया और यह नागरिकता भारत के विदेश मंत्रालय के अधीन क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय से मिली बेदाग रिपोर्ट के आधार पर दी गई.
हालांकि मुंबई पुलिस ने चोकसी को पुलिस सत्यापन रिपोर्ट जारी होने के मामले में जांच का आदेश दे दिया है. लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि मेहुल चोकसी को क्लियरेंस किसी के प्रभाव में दी गई या फिर यह पुरानी व्यवस्था में खामी की वजह से मिली.
मुंबई पुलिस की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने चोकसी को 2015 में 'पुलिस सत्यापन जरूरी नहीं' का दर्जा प्रदान किया था और इसके बाद पीएनबी घोटाले में अब मुख्य आरोपी चोकसी ने तत्काल श्रेणी में पासपोर्ट हासिल किया था.
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