इसे
व्यवस्था की खामी कहा जाए या किसी का दबाव कि 13000 करोड़ के पीएनबी
घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी को किस आधार पर मुंबई पुलिस की तरफ से बेदाग
रिपोर्ट दी गई. जिसकी वजह से चोकसी एंटीगुआ की नागरिकता हासिल कर बैठा.

मुनीष पांडे [Edited By: विवेक पाठक]
नई दिल्ली, 05 अगस्त 2018, अपडेटेड 12:04 IST
पंजाब नेशनल बैंक घोटाले
का आरोपी और भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को लेकर भारत
की तरफ से एंटीगुआ सरकार को औपचारिक निवेदन किया गया है. वहीं एंटीगुआ
प्रशासन का चौंकाने वाला दावा है कि चोकसी को एंटीगुआ की नागरिकता भारत की
तरफ से मिली बेदाग रिपोर्ट के आधार पर दी गई. मुंबई पुलिस के एक वरिष्ठ
अधिकारी के मुताबिक मालाबार हिल्स पुलिस स्टेशन ने चोकसी को लेकर क्लीन चिट
(बेदाग रिपोर्ट) दी है.
बता दें कि 13,000 करोड़ के पीएनबी घोटाले में सीबीआई
द्वारा मेहुल चोकसी और नीरव मोदी पर मामला दर्ज होने से कुछ दिन पहले ही
चोकसी भारत छोड़ कर दुबई चला गया था. चोकसी ने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय
में पुलिस सत्यापन के लिए 23 फरवरी 2017 को आवेदन दिया था. जिसके बाबत 15
दिनों के भीतर ही 10 मार्च 2017 को मालाबार हिल्स पुलिस स्टेशन की तरफ से
बेदाग रिपोर्ट दे दी गई. माना जा रहा है कि इसी रिपोर्ट के आधार पर मेहुल
चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता हासिल की.
यह चौंकाने वाली बात है कि मेहुल चोकसी जिसके ऊपर 2017
में कई मामले दर्ज थे, उसे बेदाग रिपोर्ट किस आधार पर दी गई और मुंबई पुलिस
ने रिपोर्ट देने से पहले इन मामलों को नजरअंदाज कर दिया. हालांकि मौजूदा
व्यवस्था का भी इसमें उतना ही दोष है. पुलिस के मुताबिक चोकसी को बेदाग
रिपोर्ट इसलिए दी गई क्योंकि उसके खिलाफ कोई आपराधिक पृष्ठभूमि या
गिरफ्तारी के प्रमाण नहीं मिले थे. बता दें कि इस तरह की क्लियरेंस मुंबई
पुलिस की ऑनलाइन आपराधिक पृष्ठभूमि और सूचना प्रणाली (सीएआईएस) द्वारा जांच
करने के बाद दी जाती है. यदि कोई व्यक्ति पूर्व में गिरफ्तार हुआ है तो वह
सीएआईएस में आ जाता है.
14 मार्च, को मुंबई पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने
क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, मुंबई को यह रिपोर्ट सौंपी. एंटीगुआ का दावा
है कि चोकसी ने मई 2017 में नागरिकता के लिए आवेदन किया और यह नागरिकता
भारत के विदेश मंत्रालय के अधीन क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय से मिली बेदाग
रिपोर्ट के आधार पर दी गई.
हालांकि मुंबई पुलिस ने चोकसी को पुलिस सत्यापन रिपोर्ट जारी
होने के मामले में जांच का आदेश दे दिया है. लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका
है कि मेहुल चोकसी को क्लियरेंस किसी के प्रभाव में दी गई या फिर यह पुरानी
व्यवस्था में खामी की वजह से मिली.
मुंबई पुलिस की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि
क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने चोकसी को 2015 में 'पुलिस सत्यापन जरूरी
नहीं' का दर्जा प्रदान किया था और इसके बाद पीएनबी घोटाले में अब मुख्य
आरोपी चोकसी ने तत्काल श्रेणी में पासपोर्ट हासिल किया था.
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