देश के कई बड़े एनजीओ पर एफसीआरए एक्ट के तहत नियमों के उल्लंघन का आरोप
लगा और वे सरकार के निशाने पर आ गए थे. इसमें चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता
तीस्ता सीतलवाड़ और वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह के अलावा एन ग्रीन पीस और
फोर्ड फाउंडेशन शामिल हैं.

aajtak.in [Edited By: सुरेंद्र कुमार वर्मा]
नई दिल्ली, 07 जून 2018, अपडेटेड 12:49 ISTगैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) पर एफसीआरए के तहत नियमों के उल्लंघन के कारण 18 हजार से ज्यादा एनजीओ के लाइसेंस रद्द किए जाने या फिर उनके काम से रोक लगाने के बाद अब गृह मंत्रालय की ओर से इन्हें जुर्माने को लेकर थोड़ी राहत दी गई है.
मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी नए आदेश के तहत कहा गया है कि अब विदेशी अंशदान (नियमन) (एफसीआरए) अधिनियम 2010 नियमों के उल्लंघन के स्तर को देखते हुए उन पर जुर्माना लगाया जाएगा, जबकि पहले नियमों के उल्लंघन पर एनजीओ का निलंबन या लाइसेंस रद्द कर दिया जाता था.
मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने जानकारी दी यह बदलाव पहले सुनाई गई सजा पर लागू नहीं होंगे. किसी भी संस्थान को एफसीआरए के तहत रजिस्टर्ड होने पर ही विदेश से चंदा प्राप्त करने का अधिकार मिलता है. हालांकि ऐसे संस्थानों के लिए अपनी सालाना इनकम और खर्च का ब्यौरा केंद्र सरकार को देना अनिवार्य है.
देश के कई बड़े एनजीओ पर एफसीआरए एक्ट के तहत नियमों के उल्लंघन का आरोप लगा और वे सरकार के निशाने पर आ गए थे. इसमें चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह के अलावा एन ग्रीन पीस और फोर्ड फाउंडेशन शामिल हैं.
सूत्रों के अनुसार, कई गैर सरकारी संगठनों पर इस बात की जांच चल रही है कि वो विदेशी चंदा एक खाते में लेते हैं लेकिन उन चंदों का इस्तेमाल दूसरे खातों से करते हैं. साथ ही जिन उद्देश्य से चंदा लेते हैं और उसे दूसरे मकसद में खर्च करते हैं या फिर उन चंदों के बारे में कोई जानकारी ही नहीं देते.
गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सेक्शन 37 के तहत मिलने वाले विदेशी चंदे को किसी दूसरे व्यक्ति को ट्रांसफर करना अपराध है और इसके लिए 1 लाख या ट्रांसफर किए गए विदेशी चंदे का 10 फीसदी जुर्माना, जो भी अधिक हो लगाया जा सकता है.
साथ ही अगर विदेशी चंदे को किसी खाते में रिसीव किया गया और उसे किसी अन्य खास खाते में पैसा भेजा जाना भी अपराध की श्रेणी में आता है इसके लिए 1 लाख या भेजे गए पैसे का 5 फीसदी, जो भी अधिक हो लगाया जा सकता है.
2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद से विदेशी चंदे का दुरुपयोग करने वाले कई संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. केंद्र की सख्ती के बाद पिछले 4 साल में एनजीओ को मिलने वाले विदेशी चंदे में लगातार गिरावट देखी जा रही है.
गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, गैर सरकारी संगठनों को 2016-17 में 6,499 करोड़ ही विदेशी चंदे के रूप में मिले, जबकि इससे पहले 2015-16 में उन्हें 17,773 करोड़, 2014-15 में 15,229 करोड़ रुपये मिले थे.
2015 में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देते हुए बताया था कि देश में 29 लाख रजिस्टर्ड एनजीओ में से 10 फीसदी से कम गैर सरकारी संगठन ही वार्षिक आय और खर्च के बारे में जानकारी देते हैं.
0 comments:
Post a Comment