Sunday, August 26, 2018

नौकरी का झांसा देकर लड़कियों को बनाया बंधक, पुलिस ने बचाया

नौकरी के झांसे में आकर उस कंपनी में जाने वाली लड़कियों को पता नहीं था कि उनके साथ क्या होने वाला है. कंपनी के मालिकों ने पहले उनके सारे दस्तावेज जमा करा लिए और फिर उनके मोबाइल फोन भी छीन लिए थे.
पुलिस ने कंपनी के दोनों मालिकों को गिरफ्तार कर लिया है पुलिस ने कंपनी के दोनों मालिकों को गिरफ्तार कर लिया है

दुर्ग, 27 अगस्त 2018, अपडेटेड 11:29 IST

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में नौकरी के नाम पर लड़कियों को बंधक बनाए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां पुलिस ने एक प्राइवेट कंपनी पर छापा मारकर 14 लड़कियों को मुक्त कराया है. कुछ लड़कियां अलग अलग राज्यों की रहने वाली हैं.
मामला दुर्ग शहर का है. जहां रहने वाली एक युवती 8 अगस्त को घर से काम पर जाने के लिए निकली थी. लेकिन लौटकर घर नहीं आई. उसका मोबाइल फोन भी बंद आ रहा था. घर वालों ने लड़की को तलाश किया लेकिन वह नहीं मिली. परिजन छावनी थाने पहुंचे और वहां जाकर इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई.
इसी दौरान रविवार को रक्षाबंधन के दिन घर लापता युवती ने अचानक अपने भाई को किसी के फोन से कॉल करके बताया कि उसे शहर के एक घर में बंधक बनाकर रखा गया है. भाई ने फौरन इस बात की सूचना पुलिस को दी. पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिला अदालत के पीछे एक घर में छापा मारा.
पुलिस जब उस मकान में दाखिल हुई तो वहां से पीड़ित युवती समेत 14 लड़कियां मौजूद थी. जिन्हें पुलिस ने वहां से मुक्त कराया. साथ ही पुलिस ने दिनेश द्विवेदी और उमेश द्विवेदी नामक दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया. ये दोनों शख्स अराइस नामक कंपनी के मालिक बताए जा रहे हैं.
दैनिक भास्कर के मुताबिक पीड़ित लड़की के भाई हरीश निषाद ने बताया कि युवतियों से मोबाइल तक छीन लिए गए थे. उन्हें बाहर भी नहीं जाने दिया जा रहा था. इसी बीच किसी तरह से उसकी बहन ने किसी का मोबाइल चुराकर उसे फोन किया. जिसके बाद उसने पुलिस को सूचना दी. जब पुलिस ने लड़कियों को मुक्त कराया.
हरीश निषाद के मुताबिक उसकी बहन इंजीनियरिंग करने के बाद नौकरी की तलाश कर रही थी. तभी उसने अराइस कंपनी का विज्ञापन देखा. फिर उसकी बहन काम करने के लिए छावनी में मौजूद अराइस कंपनी में जा पहुंची. लेकिन उसके बाद वह लौटकर घर नहीं आई. इस बात की शिकायत छावनी थाने दर्ज कराई गई.
दरअसल, कंपनी के मालिकों ने उसकी बहन को आकर्षक सैलरी का लालच देकर नौकरी पर रख लिया. फिर मच्छर भगाने के डिवाइस बेचने के लिए उसे बाहर भेजा. इस काम के लिए उसे कमीशन मिलता था. उसके साथ अन्य लड़कियां भी यही काम कर रही थी.
दुर्ग के एएसपी विजय पांडेय के अनुसार कंपनी संचालकों ने सभी लड़कियों के ओरिजनल दस्तावेज रख लिए थे इसलिए वहां से लड़कियां भाग नहीं पाई. लड़कियों को जहां बंधक बनाकर रखा गया था, वो एक हॉस्टल की तरह दिखती है. इस संबंध में कंपनी के मालिक दो सगे भाईयों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. अब उनसे पूछताछ की जा रही है.
Share:

0 comments:

Post a Comment

Side

Popunder

Blog Archive

ok

Definition List

Unordered List

Support