JNU में 'पकौड़ा तलना' भारी पड़ा, 4 छात्रों पर कार्रवाई, 1 को हॉस्टल से निकाला

aajtak.in [Edited By: राम कृष्ण]
नई दिल्ली, 17 जुलाई 2018, अपडेटेड 08:10 IST
देश की सबसे प्रतिष्ठित
मानी जाने वाली जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के चार स्टूडेंट्स को कैंपस के
अंदर पकौड़ा तलना भारी पड़ गया है. प्रशासन ने चार स्टूडेंट के पकौड़े
बेचने को अनुशासनहीनता माना है. जेएनयू कॉलेज प्रशासन ने इन स्टूडेंट्स पर
20-20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.
इसके साथ ही एक छात्र को हॉस्टल से भी निकाल दिया गया
है, जबकि तीन स्टूडेंट्स का सजा के तौर पर हॉस्टल बदल दिया गया है. दरअसल,
फरवरी के महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह
के बेरोजगार होने से अच्छा पकौड़ा बेचने वाले बयान का ये स्टूडेंट विरोध कर रहे थे.
सेंटर फॉर इंडियन लैंग्वेजेज के छात्र मनीष कुमार मीणा
ने कहा कि वो पीएम मोदी के पकौड़ा तलने वाले बयान से बेहद नाराज थे. लिहाजा
उसका विरोध करने के लिए पकौड़े तल रहे थे. एमफिल के छात्र मनीष कुमार मीणा
राजस्थान के रहने वाले है. मामले में मनीष कुमार मीणा के खिलाफ जांच भी
शुरू की गई है.
इससे पहले विपक्षी दलों के नेता और कार्यकर्ता पकौड़े
तलकर पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बयान का विरोध कर चुके हैं.
मालूम हो कि कुछ महीने पहले एक टीवी इंटरव्यू के दौरान जब पीएम मोदी से
रोजगार सृजन को लेकर सवाल किया गया था, जिसके जवाब में उन्होंने कहा था कि
अगर कोई पकौड़ा बेचकर हर रोज 200 रुपये कमाता है, तो उसे भी नौकरी के तौर
पर देखा जाना चाहिए. पीएम के इसी बयान पर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों
ने जमकर हमला बोला था.
इसके बाद बीजेपी अध्यक्ष और सांसद अमित शाह ने पीएम मोदी के पकौड़ा
बेचने वाले बयान का समर्थन किया था. राज्यसभा में अपना पहला भाषण देते हुए
शाह ने कहा था कि पकौड़ा बनाना कोई शर्म की बात नहीं है. पकौड़ा बनाना
नहीं बल्कि, उसकी तुलना भिखारी के साथ करना शर्म की बात है.
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