जीएसटी: पेट्रोल-डीजल पर केंद्र और राज्य अपना मुनाफा छोड़ने को तैयार नहीं, सहमति बने तो सस्ता होगा ईंधन
जीएसटी का एक साल पूरा, पेट्रोल-डीजल को इसमें शामिल करने की चर्चा पिछले डेढ़ महीने में सबसे ज्यादा हुई।
DainikBhaskar.com | Last Modified - Jul 01, 2018, 08:31 AM IST
- पेट्रोल पर 19.48 रुपए, डीजल पर 15.33 रुपए एक्साइज ड्यूटी लगती है
- पेट्रोलियम उत्पादों पर राज्य अलग से टैक्स लेते हैं
- मुंबई में पेट्रोल पर सबसे ज्यादा 39.78% वैट लगता है
- आंध्रप्रदेश में डीजल पर सबसे ज्यादा 28.47% वैट लगता है
कीमतें कम करने के लिए केंद्र सरकार पर एक्साइज ड्यूटी घटाने का दबाव बढ़ा, लेकिन उसने साफ इनकार कर दिया। सरकार की टैक्स से जो आय होती है उसमें पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी का बड़ा हिस्सा होता है। 2017-18 में केंद्र सरकार को इससे 2.29 लाख करोड़ रुपए मिले। केंद्र सरकार इसमें कमी नहीं चाहती। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बार-बार कहा कि सरकार पेट्रोल-डीजल के रेट स्थिर करने के लिए लॉन्ग टर्म सॉल्यूशन तलाश रही है। इसके लिए पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने पर भी चर्चा की जा रही है। लेकिन इस बात पर ज्यादातर राज्य तैयार नहीं हैं, क्योंकि पेट्रोल-डीजल पर वैट जैसे टैक्सों से उनकी कमाई का बड़ा हिस्सा आता है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री और जीएसटी काउंसिल के सदस्य सुशील कुमार मोदी ने पेट्रोल-डीजल को फिलहाल जीएसटी के दायरे में लाने की संभावना से इनकार कर दिया है। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल में इस बात पर एकराय नहीं है। जल्दबाजी में फैसला लिया गया तो केंद्र और राज्य दोनों को रेवेन्यू का नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल जीएसटी में शामिल कर भी लिए जाएंगे तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि उनके रेट घटेंगे, क्योंकि राज्य अलग से टैक्स लगा सकते हैं। लेकिन ऐसा हुआ तो भी पेट्रोल-डीजल सस्ते हो सकते हैं क्योंकि-
अभी: 75.69 रुपए के पेट्रोल में 47% टैक्स
रिफाइनिंग के बाद डीलर को बेचे गए पेट्रोल की कीमत: 36.51 रुपए/लीटर
डीलर कमीशन: 3.61 रुपए
एक्साइज ड्यूटी: 19.48 रुपए
दिल्ली में 27% वैट: 16.09 रुपए
कुल टैक्स (एक्साइज+वैट): 35.57 रुपए
आम लोगों को मिलने वाले पेट्रोल का रेट: 75.69 रुपए
(आंकड़े दिल्ली के और 25 जून की स्थिति के मुताबिक)
अगर जीएसटी और वैट लगा, तब भी दिल्ली में 11 रुपए सस्ता हो सकता है पेट्रोल
रिफाइनिंग के बाद डीलर को बेचे गए पेट्रोल की कीमत: 36.51 रुपए प्रति लीटर
डीलर कमीशन: 3.61 रुपए
28% का अधिकतम जीएसटी: 10.22 रुपए
दिल्ली में 27% वैट: 13.59 रुपए
कुल टैक्स (जीएसटी+वैट): 23.81 रुपए
इस स्थिति में आम लोगों को मिलने वाले पेट्रोल का रेट: 63.93 रुपए
जीएसटी काउंसिल लेगी फैसला: पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए जीएसटी काउंसिल की सहमति जरूरी है। केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली इस काउंसिल में सभी राज्यों के वित्त मंत्री बतौर सदस्य शामिल हैं। फैसला लेने के लिए 75% सदस्यों की मंजूरी जरूरी होती है।
एक्सपर्ट ने कहा- तेल को जीएसटी में लाने से महंगाई कम होगी:बैंकिंग मामलों और इकोनॉमी के एक्सपर्ट आर के गौतम का कहना है कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने से ये सस्ते तो होंगे ही, साथ ही दूसरी चीजों की महंगाई भी कम होगी। माल भाड़ा कम होगा तो हर तरह के उत्पाद सस्ते होंगे। इसके लिए सभी राज्यों को पॉलिटिकली मैच्योरिटी दिखाने की जरूरत है जिससे आम जनता को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो सके। पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए जीएसटी काउंसिल की सहमति जरूरी है। केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली इस काउंसिल में सभी राज्यों के वित्त मंत्री बतौर सदस्य शामिल हैं। फैसला लेने के लिए 75% सदस्यों की मंजूरी जरूरी होती है।
पेट्रोल-डीजल पर टैक्स से 5 साल में केंद्र की कमाई तीन गुना से ज्यादा बढ़ी
वित्त वर्ष | केंद्र की कमाई | राज्यों की कमाई |
2013-14 | 77,982 करोड़ | 1.29 लाख करोड़ |
2014-15 | 99,184 करोड़ | 1.37 लाख करोड़ |
2015-16 | 1.79 लाख करोड़ | 1.42 लाख करोड़ |
2016-17 | 2.43 लाख करोड़ | 1.66 लाख करोड़ |
2017-18 | 2.29 लाख करोड़ | 1.84 लाख करोड़ |
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