Monday, July 30, 2018

BJP नेता बोले- सरकार बनी तो पश्चिम बंगाल में भी NRC, होगी घुसपैठियों की पहचान

लोकसभा में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस मामले में सरकार का कोई दखल नहीं है और सब कुछ सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हो रहा है. उन्होंने कहा कि असम की जो लिस्ट आई है वह अंतिम नहीं है और सभी को 28 अगस्त के बाद अपनी बात कहने का मौका मिलेगा.
बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष

कोलकाता, 30 जुलाई 2018, अपडेटेड 20:09 IST

असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का दूसरा ड्राफ्ट आने पर अभी सियासत थमी भी नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल में भी इसी तर्ज नागरिकों की पहचान कराने की बात कही है. बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि अगर उनकी पार्टी की सरकार आती है असम की तरह ही बंगाल में भी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) जारी किया जाएगा.
असम में एनआरसी के सम्पूर्ण मसौदे को जारी करने के समर्थन में उन्होंने कहा कि कुछ नेता 'घड़ियाली आंसू' बहा रहे हैं क्योंकि उन्हें अपनी 'वोट बैंक' की राजनीति के खत्म होने का अंदेशा है.
बता दें कि असम में बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का अंतिम मसौदा सोमवार को जारी कर दिया गया. असम देश में एक मात्र ऐसा राज्य है जहां एनआरसी जारी किया गया है, जिसमें पूर्वोत्तर राज्य के कुल 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम हैं. जबकि करीब 40 लाख लोग अवैध पाए गए हैं.
अवैध नागरिकों को भेजेंगे बांग्लादेश
दिलीप घोष ने कहा, 'अगर पश्चिम बंगाल में भाजपा सत्ता में आती है तो हमलोग राज्य में भी एनआरसी लागू करेंगे. हमलोग अवैध नागरिकों को बांग्लादेश वापस भेजेंगे. आने वाले दिन मुश्किल भरे हैं. हमलोग किसी अवैध प्रवासी को पश्चिम बंगाल में नहीं बर्दाश्त नहीं करेंगे.'
इतना ही नहीं घोष ने यहां तक कह दिया कि जो लोग अवैध प्रवासियों का समर्थन करते हैं उन्हें भी देश से निकाल बाहर किया जाएगा. घोष ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में असम में एनआरसी लागू किया गया है. यह कांग्रेस ही थी जिसने एनआरसी का विचार पेश किया था. अब वे इसके खिलाफ बोल रहे हैं.'
उन्होंने कहा, 'जिन लोगों के नाम अंतिम मसौदे में नहीं हैं वे संशोधन के लिए अपील कर सकते हैं लेकिन हमलोग देश की सुरक्षा एवं अखंडता से कोई समझौता नहीं करेंगे.'
बता दें कि पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने पड़ोसी राज्य असम में एनआरसी को लेकर विरोध जताया है. सीएम ममता बनर्जी ने असम एनआरसी पर कहा कि कई लोगों के पास आधार कार्ड और पासपोर्ट होने के बावजूद उनका नाम ड्राफ्ट में नहीं है और सही दस्तावेजों के बावजूद लोगों को ड्राफ्ट में शामिल नहीं किया गया. ममता का कहना है कि काफी लोगों को सरनेम की वजह से बाहर किया गया है.
ममता फिलहाल जहां असम एनआरसी पर ही सवाल उठा रही हैं, ऐसे में बीजेपी नेता दिलीप घोष का बयान भी काफी महत्वूण है. क्योंकि अगर राज्य में सत्ता परिवर्तन होने की स्थिति में ऐसा कुछ होता है तो सियासत और भी गरमा कर सकती है
Share:

0 comments:

Post a Comment

Side

Popunder

Blog Archive

ok

Definition List

Unordered List

Support