113 साल पुराने जहाज के मिले अवशेष, हाथ लगा अरबों का सोना?

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युद्ध में न जानें कितनी ही चीजें इतिहास बन जाती हैं. ऐसा ही कुछ एक रूसी
लड़ाकू जहाज के साथ भी हुआ. रूस का वारशिप दिमित्री दान्सकोई 113 वर्ष पहले
डूब गया था. अब दक्षिण कोरिया की एक टीम ने इस जहाज के अवशेष ढूंढ निकाले
हैं.

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दरअसल 1905 में रूस-जापान युद्ध के दौरान उलेन्ग्डो आयरलैंड में बहुमूल्य सोने से भरा हुआ यह जहाज डूब गया था.

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कहा जाता है कि इस जहाज में सोने के बिस्किट से भरे हुए 5500 बॉक्स रखे हुए थे.

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोन्सकोई से सोने की आपूर्ति की जा रही थी जिसकी कीमत आज की तारीख में करीब 133 अरब डॉलर है.

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बहूमूल्य खजाने वाले इस जहाज के मिलने के साथ ही
इसे पाने की होड़ भी मच गई है. रूस के एक कैंपेन ग्रुप ने जहाज के अवशेष
मिलने के बाद मांग की है कि 'गुड विल' के तहत जहाज से मिला सारा खजाना उसे
लौटा दिया जाए.

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बता दें कि सियोल की एक कंपनी सिन्हिल ग्रुप कई
वर्षों से जहाज के अवशेष तलाशने का अभियान चला रही थी. इस साल के अभियान के
लिए दक्षिण कोरिया, चीन, ब्रिटेन और कनाडा की संयुक्त टीम बनाई गई थी.

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रूसी जहाज बुरी तरह क्षतिग्रस्त अवस्था में
उलेन्गडो से 1.3 किलोमीटर दूरी पर 434 मीटर की गहराई पर मिला. जहाज में
काफी संख्या में लोहे के बॉक्स मिले हैं जिसमें सोना होने की संभावना है
हालांकि गोताखोरों ने अभी तक इन डिब्बों को खोला नहीं है.

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इस जहाज का निर्माण 1883 में हुआ था. सिन्हिल ग्रुप
का मानना है कि इस जहाज में करीब 200 टन सोना मिलेगा. अगर उनकी उम्मीद सच
होती है तो वे दक्षिण कोरिया के उल्लेग्डो के विकास पर खजाने का 10 फीसदी
खर्च करेंगे. विकास परियोजना के तहत जहाज को समर्पित एक म्यूजियम भी खोला
जाएगा.

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इसके अलावा जहाज के मालिक रूस को भी 10 फीसदी
हिस्सा उपहारस्वरूप दिया जाएगा और इस रकम को रूस और दक्षिण कोरिया, उत्तर
कोरिया और रूस के बीच रेल परियोजनाओं के लिए खर्च किया जा सकेगा.

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दोन्सकोई को 1883 में लॉन्च किया गया था और
ज्यादातर भूमध्य सागर में ही सीमित था. इसके बाद 1904 में रूस के सेंकेड
पैसिफिक स्क्वैड्रॉन में इसकी तैनाती की गई.

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यह वारशिप ट्रांसपोर्ट वेसेल्स की सुरक्षा कर रहा
था लेकिन मई 1905 में इसे जापानी सेना का सामना करना पड़ा. इसके बाद जो
हुआ, उसे सुशिमा का युद्ध के नाम से जाना जाता है. यह युद्ध रूस के लिए
बेहद घातक साबित हुआ था. रूस के 38 में से 21 जहाज डूब गए थे और 3500
नागरिक मारे गए थे जबकि जापान के 3 जहाज डूब और 117 लोगों की जानें गईं.

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दोन्सकोई भी युद्ध से बचकर निकला लेकिन तब तक वह
बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका था. यह जहाज रूसी बंदरगाह व्लादिवोस्टोक तक
पहुंचने की कोशिश कर रहा था लेकिन उससे पहले ही जापानियों ने फायरिंग शुरू
कर दी. क्रू के 60 लोग मारे गए और 120 लोग जख्मी हो गए थे.
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