Wednesday, August 15, 2018

रेप के खिलाफ संशोधित कानून लोकसभा में पास, बच्चियों से दुष्कर्म पर होगी फांसी

किरण रिजिजू ने ये भी कहा कि मैं इस बात से सहमत हूं कि कानून से रेप नहीं रोके जा सकते. लेकिन सरकार की प्राथमिकता महिला सुरक्षा है और इसीलिए यह कानून लाया गया है.
लोकसभा में पास हुआ विधेयक लोकसभा में पास हुआ विधेयक
नई दिल्ली, 30 जुलाई 2018, अपडेटेड 31 जुलाई 2018 07:27 IST

आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक 2018 लोकसभा से पारित हो गया है. इस कानून में 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप के दोषियों को मौत की सजा का प्रावधान है. साथ ही 16 साल से छोटी बच्चियों से रेप का दोषी पाए जाने पर कम से कम 20 साल की कठोर सजा का प्रावधान है, जिसे उम्रकैद तक भी बढ़ाया जा सकता है. सोमवार को सभी दलों की सहमति से लोकसभा में यह विधेयक पारित हो गया.
अब यह विधेयक राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जहां से पास होने के बाद यह कानून का रूप ले लेगा. यह नया कानून अमल में आने के बाद 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार के केस में मौत की सजा दी जाएगी. यह विधेयक 21 अप्रैल को लागू दंड विधि संशोधन अध्यादेश 2018 की जगह लेगा.
विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि पिछले कुछ समय में बलात्कार की अनेक घटनाएं सामने आई हैं जिसने देश के मानस को झकझोर दिया है. ऐसे में ऐसे जघन्य अपराध के खिलाफ सख्त प्रावधानों वाला यह विधेयक लाया गया है.
उन्होंने कहा कि बलात्कार की घटना में पीड़िता को तुरंत मुफ्त में प्राथमिक उपचार मुहैया कराया जाएगा और अस्पताल तत्काल पुलिस को सूचित भी करेगा. उन्होंने कहा कि सभ्य समाज में महिला, बहनों और बेटियों की सुरक्षा हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है. हमारी सरकार यौन अपराध के हर मामले में पीड़िताओं को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है.
रिजिजू ने बताया कि नए कानून के तहत जांच पड़ताल में कोई भी पीड़िता से उसके आचरण के बारे में सवाल नहीं पूछ सकता है. उन्होंने कहा कि IPC की शब्दावली के तहत बिल में 16 साल से कम उम्र के लिए भी बच्ची के स्थान पर महिला शब्द का प्रयोग किया गया है.
ओवैसी ने किया फांसी का विरोध
वहीं, इससे पहले सदन में बिल पर चर्चा के दौरान एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि फांसी की सजा का प्रावधान सही नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारी अदालतों में जजों की कमी है, लाखों मामले लंबित हैं, ऐसे में यह बिल जमीन पर काम कैसे कर पाएगा. ओवैसी ने कहा कि पुलिस स्टेशनों में शिकायतें ही दर्ज नहीं की जा रही हैं तो दोषियों को सजा कैसे हो पाएगी. उन्होंने कहा कि हमें समाज के नजरिये में बदलाव की जरूरत है क्योंकि रेप कानून से नहीं, पुरुषों की मानसिकता बदलने से रुक सकते हैं.
मोदी सरकार ने किया था संशोधन
अप्रैल, 2018 में मोदी कैबिनेट ने पॉक्‍सो एक्‍ट में संशोधन किया था. जिसके तहत 16 और 12 साल से कम उम्र की बच्‍चियों के साथ बलात्कार के दोषियों को मौत की सजा का प्रावधान किया गया था. पॉक्सो एक्ट में संशोधन के बाद सरकार अध्‍यादेश लाई है, जो आज (30 जुलाई) लोकसभा से पारित हो गया है. अब यह विधेयक राज्यसभा भेजा जाएगा.
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