Thursday, July 12, 2018

मिशनरीज ऑफ चैरिटी में ढंग से नहीं रखा गया रिकॉर्ड, जन्मे 110 बच्चों में से 52 की ही दी सूचना

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
रांची, 12 जुलाई 2018, अपडेटेड 19:50 IST

रांची में ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ से जुड़े एक होम से बच्चों की बिक्री का मामला सामने आने के बाद पूरे झारखंड में मिशनरीज की गतिविधियों जांच अधिकारियों के रडार पर हैं. इस बीच रांची जिला प्रशासन की ओर से साफ किया गया है कि ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ से 280 बच्चों को बेचे जाने संबंधी आरोप सही नहीं है.
रांची के उपायुक्त राय महिमापत रे के मुताबिक इस तरह के दावे गलत हैं. इस पूरे प्रकरण में सिर्फ चार नवजात शिशुओं को ही बेचा गया. जैसा कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी के होम ‘निर्मल हृदय’ की कर्मचारी अनीमा इंदवार ने कबूल किया. अनीमा और होम की एक नन को बीते हफ्ते पुलिस ने गिरफ्तार किया. बेचे गए चार बच्चों में से तीन को बरामद कर लिया गया है और तीनों चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की निगरानी में हैं.  
रांची की जिला समाज कल्याण अधिकारी कंचन सिंह ने इंडिया टुडे को बताया कि रांची में विभिन्न एनजीओ की ओर से कुल 17 शेल्टर होम चलाए जाते हैं. कल्याण विभाग की ओर से जून में कराए गए सर्वे के मुताबिक 6 होम में अनियमितताएं पकड़ी गईं.
रांची में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की ओर से दो होम- निर्मल हृदय और शिशु भवन का संचालन किया जाता है. सर्वे में कल्याण अधिकारी को शिशु भवन में कोई गड़बड़ी नहीं मिली लेकिन निर्मल हृदय में हाथ से लिखा एक रजिस्टर मिला. कल्याण अधिकारी के मुताबिक यहां रिकार्ड्स को समुचित ढंग से नहीं रखा गया था. रजिस्टर में अप्रैल 2016 से जून 2018 के बीच 110 गर्भवती महिलाओं से जुड़े केसों को दर्ज किया गया है.
कल्याण विभाग का कहना है कि इन 110 केसों में 52 नवजात के जन्म की सूचना चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) को दी गई. ऐसे में इन नवजातों को गोद दिए जाने की प्रक्रिया में कोई समस्या नहीं है. जहां तक बाकी 58 केसों की बात है तो राज्य कल्याण विभाग की ओर से उनकी जांच कराई जा रही है. साफ है कि इन 58 केसों में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की ओर से सीडब्ल्यूसी को जानकारी नहीं दी गई.
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