अब इंजीनियरिंग, मेडिकल में ऐसे होगा एडमिशन, मिलेंगे दो चांस

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केंद्र सरकार ने इंजीनियरिंग और मेडिकल कोर्स में
दाखिले की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है. अब इंजीनियरिंग और मेडिकल
कोर्स के लिए होने वाले एंट्रेंस एग्जाम साल में दो बार होंगे. अभी तक यह
एग्जाम साल में एक बार ही होते हैं. आइए जानते हैं क्या बदलाव हुए हैं और
अब किस तरह दाखिला होगा...

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सरकार की ओर से जारी किए गए निर्देशों के अनुसार
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से करवाई जाने वाली कई परीक्षाएं अब
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) करवाएगी. इन परीक्षाओं में मेडिकल कॉलेजों
में दाखिले के लिए आवश्यक नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) और
इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए करवाई जाने वाली जेईई और सीएमएटी भी
शामिल है.

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JEE मेंस पहला पेपर : जेईई मेंस के लिए 1 सितंबर से
30 सितंबर 2018 तक एप्लिकेशन फॉर्म जमा होंगे. एग्जाम 6 जनवरी से 20 जनवरी
के बीच होगा. यह 8 अलग-अलग सिटिंग में होगा. कैंडिडेट पसंद का शेड्यूल चुन
सकेंगे.

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JEE मेंस दूसरा पेपर: इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिले
के लिए होने वाले जेईई मेंस का दूसरा एग्जाम अप्रैल में भी होगा. इसके
फरवरी में फॉर्म जमा होंगे. एग्जाम 7 अप्रैल से 21 अप्रैल के बीच होगा.

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NEET पहला पेपर: मेडिकल कोर्स में दाखिले के लिए आयोजित की जाने वाली NEET का पहला पेपर 3 फरवरी से 17 फरवरी के बीच होगा.

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NEET दूसरा पेपर: दूसरी बार 12 मई से 26 मई के बीच यह टेस्ट आयोजित होगा.

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NET: दिसंबर में होने वाले नेट के लिए एप्लिकेशन
फॉर्म 1 सितंबर से 30 सितंबर के बीच जमा होंगे. एग्जाम 2 दिसंबर से 16
दिसंबर के बीच होगा.

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कैसे होगा दाखिला- बता दें कि दो परीक्षाओं का
आयोजन करवाया जाएगा और दोनों परीक्षा में भाग लेना अनिवार्य नहीं है.
उम्मीदवार खुद यह फैसला कर सकता है कि उसे कौनसे एग्जाम में हिस्सा लेना
है. यह उम्मीदवारों के लिए सिर्फ एक विकल्प है. उम्मीदवार अपने नंबर में
सुधार के लिए दूसरी परीक्षा में भाग ले सकता है.

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वहीं जो उम्मीदवार दोनों परीक्षाओं में भाग लेते
हैं, वे जिस टेस्ट में ज्यादा नंबर आएंगे उसे नंबर चुन सकते हैं. साथ ही
अपनी इच्छा से अंक का चयन कर दाखिला ले सकते हैं.

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फीस में बदलाव नहीं: इसमें न तो सिलेबस चेंज होगा, न
ही एग्जाम की फीस. वह उतनी ही रहेगी, जितनी अभी है. पेपर का डिफिकल्टी
लेवल एक जैसा ही रहेगा. पेपर कंप्यूटर के आधार पर करवाए जाएंगे.

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इस फैसले को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास
मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि इस कदम से स्टूडेंट्स की टेंशन कम
होगी. उन्हें अपनी बेस्ट परफॉर्मेंस दिखाने का पूरा मौका मिलेगा.

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वहीं ग्रामीण इलाके के स्ट्डेंट्स के लिए एनटीए
टेस्ट प्रैक्टिस सेंटर खोलेगी ताकि उन्हें कंप्यूटर के जरिए एग्जाम देने का
अभ्यास कराया जा सके. ऐसे स्कूल और इंजीनियरिंग सेंटर जहां कंप्यूटर हैं,
उनकी पहचान करके उन्हें अगस्त के तीसरे हफ्ते से शनिवार और रविवार को खोला
जाएगा. वहां स्टूडेंट्स मुफ्त में प्रैक्टिस कर सकेंगे.
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