1/ 5

एसी कोच के यात्रियों के कंबलों
को अब महीने में दो बार धोया जाएगा. क्योंकि ट्रेन में अब वॉशेबल कंबल
मिलेंगे जिन्हें आसानी से धोया जा सकता है. जबकि मौजूदा समय में कंबलों को
दो महीने में एक बार धोने का नियम है. इसके साथ ही अब ट्रेन में ज्यादा
पुराने कंबल भी यात्रियों को नहीं मिलेंगे.
2/ 5


रेलवे ने कंबलों की धुलाई की
संख्या में वृद्धि के साथ कंबल को मौजूदा चार सालों तक उपयोग करने का नियम
को बदलकर दो साल कर दिया है. इससे कंबलों की कीमत लगभग दोगुनी होने की
उम्मीद है. संशोधित निर्देशों के मुताबिक, एसी यात्रियों के नए कंबलों में
ऊन और नायलॉन का मिश्रण होगा, जिसके चलते कंबल की कीमत बढ़ने की भी उम्मीद
है.
3/ 5

देश भर में लागू होने वाले इस
योजना से जुड़े रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'वर्तमान में
उपयोग होने वाले भारी ऊनी कंबल की कीमत 400 रुपये है. कपड़े में बदलाव के
बाद अब नई कीमत जल्द ही तय की जाएगी.'
4/ 5


कंबल की कीमत चूंकि पिछले 10
सालों में संशोधित नहीं की गई है, इसलिए बदले गए नियम के बाद अब इसकी लागत
अधिक होने की उम्मीद है. रेलवे को देश भर में अपने एसी यात्रियों के लिए
रोजाना 3.90 लाख कंबलों की जरूरत होती है.
5/ 5

फर्स्ट क्लास एसी कोच में में
प्रत्येक उपयोग के बाद कंबल का कवर बदल दिया जाता है, लेकिन यह सुविधा
सेकंड एसी और थर्ड एसी के यात्रियों के लिए नहीं है.
loading...
0 comments:
Post a Comment